Karam Ki Ho Mujh Par Nazar Ghaus-e-Aazam Naat Lyrics
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
के मुद्दत से हूँ मुंतज़र ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
मैं फ़ुर्क़त का सदमा कब तक सहूंगा
मुझे अब तो आओ नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
ज़माने की गर्दिश ने तंग कर दिया है
बहुत कर चुका हूँ सबर ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
सताता है क्यूँ मुझ को या रब ! ज़माना
बताओ तो जाऊं किधर ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
मेरे हो के मुझ से ही क्यूँ बे-ख़बर हो ?
लो अब तो ख़ुदारा ! ख़बर ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
करो मग़फ़िरत हज़रत बीबी की ख़ुदारा !
दम-ए-वापसी लब पे या ग़ौस-ए-आज़म !
करम की हो मुझ पर नज़र ग़ौस-ए-आज़म !
के मुद्दत से हूँ मुंतज़र ग़ौस-ए-आज़म !