Ja Kar Koi Tayba Mein Ye Aaqa Ko Bataae Naat Lyrics

 

 

जा कर कोई तयबा में ये आक़ा को बताए
गुज़रे हुए लम्हों की बहुत याद सताए

मत छेड़ सबा ! मुझ को, अभी ज़ख़्म हरे हैं
ऐसा न हो फिर आँख से आँसू निकल आए

गुज़रे हुए लम्हों की बहुत याद सताए

दुनिया में फ़क़त आप की हस्ती है वो हस्ती
जिस से के उजाला ही उजाला नज़र आए

गुज़रे हुए लम्हों की बहुत याद सताए

फिर माँ सी मुझे गोद की ठंडक हुई हासिल
है याद मुझे गुम्बद-ए-ख़ज़रा ! तेरे साए

गुज़रे हुए लम्हों की बहुत याद सताए

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