Fir Utha Walwalae Yaade Mughilane Arab Naat Lyrics

Fir Utha Walwalae Yaade Mughilane Arab Naat Lyrics

 

फिर उठा वल्वलए यादे मुग़ीलाने अ़रब
फिर खिंचा दामने दिल सूए बयाबाने अ़रब

बाग़े फ़िरदौस को जाते हैं हज़ाराने अ़रब
हाए सह़राए अ़रब हाए बयाबाने अ़रब

मीठी बातें तेरी दीने अ़जम ईमाने अ़रब
न-मकीं ह़ुस्न तेरा जाने अ़जम शाने अ़रब

अब तो है गिर्यए ख़ूं गौहरे दामाने अ़रब
जिस में दो ला’ल थे ज़हरा के वोह थी काने अ़रब

दिल वोही दिल है जो आंखों से हो ह़ैराने अ़रब
आंखें वोह आंखें हैं जो दिल से हों क़ुरबाने अ़रब

हाए किस वक़्त लगी फांस अलम की दिल में
कि बहुत दूर रहे ख़ारे मुग़ीलाने अ़रब

फ़स्ले गुल लाख न हो वस्ल की रख आस हज़ार
फूलते फलते हैं बे फ़स्ल गुलिस्ताने अ़रब

सदक़े होने को चले आते हैं लाखों गुलज़ार
कुछ अ़जब रंग से फूला है गुलिस्ताने अ़रब

अ़न्दलीबी पे झगड़ते हैं कटे मरते हैं
गुलो बुलबुल को लड़ाता है गुलिस्ताने अ़रब

सदक़े रह़मत के कहां फूल कहां ख़ार का काम
ख़ुद है दामन कशे बुलबुल गुले ख़न्दाने अ़रब

शादिये ह़श्र है सदक़े में छुटेंगे क़ैदी
अ़र्श पर धूम से है दा’वते मेहमाने अ़रब

चरचे होते हैं येह कुम्ह्‌लाए हुए फूलों में
क्यूं येह दिन देखते पाते जो बयाबाने अ़रब

तेरे बे दाम के बन्दे हैं रईसाने अ़जम
तेरे बे दाम के बन्दी हैं हज़ाराने अ़रब

हश्त ख़ुल्द आएं वहां कस्बे लत़ाफ़त को रज़ा
चार दिन बरसे जहां अब्रे बहाराने अ़रब

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