Itna Kafi Hai Zindagi Ke Liye Naat Lyrics

Itna Kafi Hai Zindagi Ke Liye Naat Lyrics

 

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए
रख लें आक़ा जो नौकरी के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

माह-ओ-ख़ुर्शीद उन की चौखट पर
रोज़ आते हैं रौशनी के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

चाँद-तारे भी उन के क़दमों में
रोज़ आते हैं रौशनी के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

दोनों ‘आलम बनाए मौला ने
या नबी ! सिर्फ़ आप ही के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

तक के उन को अय्यूब के घर में
महल तरसे हैं झोंपड़ी के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

आ गए क़ब्र में भी छुड़वाने
दर्द कितना है उम्मती के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

लंबे सज्दे किये नबी ने, कहा
ऐ नवासे ! तेरी ख़ुशी के लिए

इतना काफ़ी है ज़िंदगी के लिए

दीद माँगी है उन की, ऐ हाकिम !
मैं ने बस वक़्त-ए-आख़री के लिए

शायर:
अहमद अली हाकिम

ना’त-ख़्वाँ:
अहमद अली हाकिम
हाफ़िज़ कामरान क़ादरी
क़ारी शाहिद महमूद क़ादरी

 

itna kaafi hai zindagi ke liye
rakh le.n aaqa jo naukari ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

maah-o-KHurshid un ki chaukhaT par
roz aate hai.n raushani ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

chaand-taare bhi un ke qadmo.n me.n
roz aate hai.n raushani ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

dono.n ‘aalam banaae maula ne
ya nabi ! sirf aap hi ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

tak ke un ko ayyub ke ghar me.n
mahal tarse hai.n jhonp.Di ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

aa gae qabr me.n bhi chhu.Dwaane
dard kitna hai ummati ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

lambe sajde kiye nabi ne, kaha
ai nawaase ! teri KHushi ke liye

itna kaafi hai zindagi ke liye

deed maangi hai un ki, ai Haakim !
mai.n ne bas waqt-e-aaKHri ke liye

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