Mere Liye Mere Aaqa Ne Baat Ki Hui Hai Naat Lyrics
दिलो-निगाह की दुनिया नई नई हुई है
दुरूद पढ़ते ही ये कैसी रौशनी हुई है
मैं बस युहीं तो नहीं आ गया हूं महफ़िल में
कहीं से इज़्न मिला है तो हाज़री हुई है
ये सर उठाए जो मैं जा रहा हूं जानिबे-ख़ुल्द
मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है
रज़ा पुल से अब वज्द करते गुज़रिये
मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है
क्यूं न पलड़ा तेरे आ’माल का भारी हो नसीर
तेरे लिये तेरे आक़ा ने बात की हुई है
ब-रोज़े महशर, ब-वक़्ते-पुर्सिश मुझे जो देखा फ़रिश्ते बोले
तेरे लिये तेरे आक़ा ने बात की हुई है
दोज़ख में मैं तो क्या ! मेरा साया न जाएगा
मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है
ऐ फ़रिश्तो ! मेरे आ’माल न तोलो ठेहरो
मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है
मुझे यक़ीन है वो आएँगे वक़्ते-आख़िर भी
मैं कह सकूंगा ज़ियारत अभी अभी हुई है