Dar-e-Nabi Par Ye Umr Beete Ho Ham Pe Lutf-e-Dawaam Aisa Naat Lyrics
Dar-e-Nabi Par Ye Umr Beete Ho Ham Pe Lutf-e-Dawaam Aisa Naat Lyrics
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते, हो हम पे लुत्फ़-ए-दवाम ऐसा
मदीने वाले कहें मक़ामी, हो उन के दर पर क़याम ऐसा
नमाज़ अक़्सा में जब पढ़ाई तो अम्बिया और रुसूल ये बोले
नमाज़ हो तो नमाज़ ऐसी, इमाम हो तो इमाम ऐसा
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते, हो हम पे लुत्फ़-ए-दवाम ऐसा
मदीने वाले कहें मक़ामी, हो उन के दर पर क़याम ऐसा
तयबा में हो मेरा घर, ऐसा करम हो सरवर
गुम्बद को जब भी देखूं, पड़ लूँ सलाम तुम पर
बिलाल तुझ पर निसार जाऊं के खुद नबी ने तुझे ख़रीदा
नसीब हो तो नसीब ऐसा, ग़ुलाम हो तो बिलाल जैसा
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते, हो हम पे लुत्फ़-ए-दवाम ऐसा
लबों पे नाम-ए-नबी जब आया, गुरेज़ पा हादसों को पाया
जो टाल देता है मुश्क़िलों को मेरे नबी का है नाम ऐसा
मेरी बिगड़ी बनाने को नबी का नाम काफी है
हज़ारो ग़म मिटाने को नबी का नाम काफी है
ग़मों की धुप हो या फिर हवाएं तेज़ चलती हो
मेरे इस आशियाने को नबी का नाम काफी है
जो टाल देता है मुश्क़िलों को मेरे नबी का है नाम ऐसा
मुझ ही को देखो वो बे-तलब ही नवाज़ते जा रहे हैं पैहम
न कोई मेरा अमल है ऐसा, न कोई मेरा है काम ऐसा
न कोई अमल है सुनाने के क़ाबिल
न मुँह है तुम्हारे दिखाने के क़ाबिल
लगाते हो उस को भी सीने से आक़ा
जो होता नहीं मुँह लगाने के क़ाबिल
न कोई मेरा अमल है ऐसा, न कोई मेरा है काम ऐसा
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते, हो हम पे लुत्फ़-ए-दवाम ऐसा
मदीने वाले कहें मक़ामी, हो उन के दर पर क़याम ऐसा
मैं ख़ालिद अपने नबी पे क़ुर्बां, है जिन का ख़ुल्क़-ए-अज़ीम क़ुरआं
है रौशनी जिस की दो-जहां में कहीं है माह-ए-तमाम ऐसा
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते, हो हम पे लुत्फ़-ए-दवाम ऐसा
मदीने वाले कहें मक़ामी, हो उन के दर पर क़याम ऐसा