Ya Khuda Mere Murshid Ko Aabaad Rakh Ai Khuda Mere Attar Ko Shaad Rakh Naat Lyrics
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के सारे क़बीले को भी शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
जारी-सारी रहे इन का फ़ैज़-ओ-करम
इन के सदक़े हमारा भी दिल शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के सारे क़बीले को भी शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के घर-बार को, इन के हर यार को
सब ग़मों से हमेशा तू आज़ाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के सारे क़बीले को भी शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
ये उबैद-ए-रज़ा, ये बिलाल-ए-रज़ा
दोनों शहज़ादों को शाद-ओ-आबाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के सारे क़बीले को भी शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
अल-मदद, अल-मदद, अल-मदद, मुर्शिदी !
तू, मुनव्वर ! लबों पे ये फ़रियाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
इन के सारे क़बीले को भी शाद रख
या ख़ुदा ! मेरे मुर्शिद को आबाद रख
शायर:
मुनव्वर अली अत्तारी
नात-ख़्वाँ:
इमरान शैख़ अत्तारी
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ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
हम को तौफ़ीक़ दे, इन की राह पर चलें
कर दे इन पे फ़िदा, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
इन के ग़म दूर कर, ख़ूब मसरूर कर
आफ़तों से बचा, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
हर क़दम पर, ख़ुदा ! इन की हिम्मत बढ़ा
हासिदों से बचा, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
इन के घर-बार को, इन के हर यार को
दुश्मनो से बचा, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
इल्म में, उम्र में, मौला ! दे बरकतें
नज़र-ए-बद से बचा, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
इन की तहरीक का हर जगह हो भला
मस्लक-ए-आ’ला-हज़रत को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख
सग-ए-अत्तार के सर पे क़ाइम रहे
साया अत्तार का, इन को आबाद रख
इन के सारे घराने को आबाद रख
ए ख़ुदा ! मेरे अत्तार को शाद रख