Shayad Huzoor Ham Se Khafa Hain Mana Ke La Naat Lyrics

 

 

जा ज़िंदगी मदीने से झोंके हवा के ला
शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

सजदों में गिड़गिड़ा के मुहम्मद के पांव पर
जा और जल्द रहमत-ए-हक़ को बुला के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

कुछ हम भी अपना चेहरा-ए-बातिन संवार लें
बू-बक्र से कुछ आईनें इश्क़-ओ-वफ़ा के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

दुनिया बहुत ही तंग मुसलमां पे हो गई
फ़ारूक़ के ज़माने का नक़्शा उठा के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

बातिल से दब रही है फिर उम्मत रसूल की
मंज़र ज़रा हुसैन से फिर करबला के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

किस मुँह से पेश होगा मुज़फ़्फ़र हुज़ूर-ए-हक़
इस को शहीद उस्वा-ए-आक़ा बना के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

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