Sunniyat Ki Hai Pehchaan Mere Aa’la Hazrat Se Naat Lyrics

Sunniyat Ki Hai Pehchaan Mere Aa’la Hazrat Se Naat Lyrics

 

ए रज़ा ! ए रज़ा ! ए रज़ा !
ए रज़ा ! ए रज़ा ! ए रज़ा !

मेरे रज़ा ! मेरे रज़ा !
मेरे रज़ा ! मेरे रज़ा !

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से
‘इल्म का मिला फ़ैज़ान मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

किस तरह भटक जाऊँ, हादी हैं रज़ा मेरे
पुख़्ता है मेरा ईमान मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

इस लिए तो दिल में है आल भी, सहाबा भी
सीखा है अदब हर-आन मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

क़ल्ब में मेरे आई मुस्तफ़ा की उल्फ़त और
‘इश्क़-ए-हज़रत-ए-हस्सान मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

यूँ तो आए हैं जितने हिंद में सुख़न-वर भी
सब की ही बढ़ी है शान मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

जब से थामा है, बेख़ुद ! दामन-ए-रज़ा मैं ने
मुश्किलें हुई हैं आसान मेरे आ’ला हज़रत से

सुन्नियत की है पहचान मेरे आ’ला हज़रत से

शायर:
वसीम बेख़ुद

ना’त-ख़्वाँ:
हाफ़िज़ अहमद रज़ा क़ादरी

 

ai raza ! ai raza ! ai raza !
ai raza ! ai raza ! ai raza !

mere raza ! mere raza !
mere raza ! mere raza !

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se
‘ilm ka mila faizaan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

kis tarah bhaTak jaau.n, haadi hai.n raza mere
puKHta hai mera imaan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

is liye to dil me.n hai aal bhi, sahaaba bhi
seekha hai adab har-aan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

qalb me.n mere aai mustafa ki ulfat aur
‘ishq-e-hazrat-e-hassaan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

yu.n to aae hai.n jitne hind me.n suKHan-war bhi
sab ki hi ba.Dhi hai shaan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

jab se thaama hai, BeKHud ! daaman-e-raza mai.n ne
mushkile.n hui hai.n aasaan mere aa’la hazrat se

sunniyat ki hai pahchaan mere aa’la hazrat se

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