Qismat Meri Chamkaiye Chamkaiye Aaqa Naat Lyrics
Qismat Meri Chamkaiye Chamkaiye Aaqa Naat Lyrics
क़िस्मत मेरी चमकाईये, चमकाईये आक़ा
मुझको भी दरे-पाक पे बुलवाईये आक़ा
वो मदीना जो कोनैन का ताज है
जिस का दीदार मोमिन की मेअराज है
ज़िन्दगी में ख़ुदा हर मुसलमान को
वो मदीना दिखा दे तो क्या बात है
मुझको भी दरे-पाक पे बुलवाईये आक़ा
सीने में हो क़ाबा तो बसे दिल में मदीना
आँखों में मेरी आप समा जाईये आक़ा
बेताब हूँ, बेचैन हूँ दीदार की ख़ातिर
लिल्लाह मेरे ख़्वाब में आ जाईये आक़ा
तेरी याद बड़ा तड़पां दी ए, लालैयां नैना ने जड़ियां
कदी इस रस्ते वी लंग माही, तेरी दीद नुं हसरतां ने बड़ियां
आ मेढा ढोला करां बैठी ज़ारी
मैं मुकदी मुकावां तू जीतया मैं हारी
हकीमां तबीबां दे वस दी एह गल नईं
मेरे मर्ज़ दा होर कोई वी हल नईं
तू आके विखाजा ए सूरत पियारी
मैं मुकदी मुकावां तू जीतया मैं हारी
लिल्लाह मेरे ख़्वाब में आ जाईये आक़ा