Khushboo Hai Do-Aalam Mein Teri, Ai Gul-e-Cheeda Naat Lyrics

 

 

ख़ुशबू है दो-आलम में तेरी, ए गुल-ए-चीदा !
किस मुँह से बयाँ हों तेरे औसाफ़-ए-हमीदा !

सीरत है तेरी जौहर-ए-आईना-ए-तहज़ीब
रौशन तेरे जल्वों से जहान-ए-दिल-ओ-दीदा

तू रूह-ए-ज़मन, रंग-ए-चमन, अब्र-ए-बहाराँ
तू हुस्न-ए-सुख़न, शान-ए-अदब, जान-ए-क़सीदा

तुझ सा कोई आया है न आएगा जहाँ में
देता है गवाही यही आलम का जरीदा

मुज़्मर तेरी तक़लीद में आलम की भलाई
मेरा यही ईमाँ है, यही मेरा अक़ीदा

ए हादी-ए-बर-हक़ ! तेरी हर बात है सच्ची
दीदा से भी बढ़ कर है तेरे लब से शुनीदा

ए रहमत-ए-आलम ! तेरी यादों की बदौलत
किस दर्जा सुकूँ में है मेरा क़ल्ब-ए-तपीदा

है तालिब-ए-अल्ताफ़ मेरा हाल-ए-परेशाँ
मोहताज-ए-इनायत है मेरा रंग-ए-परीदा

ख़ैरात मुझे अपनी मोहब्बत की अता कर
आया हूँ तेरे दर पे ब-दामान-ए-दरीदा

यूँ दूर हूँ, ताइब ! मैं हरीम-ए-नबवी से
सहरा में हूँ जिस तरह कोई शाख़-ए-बुरीदा

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