Sunte Hain Ki Mahshar Mein Sirf Un Ki Rasaai Hai Naat Lyrics
Sunte Hain Ki Mahshar Mein Sirf Un Ki Rasaai Hai Naat Lyrics सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है गर उन की रसाई है लो जब तो बन आई है मचला है कि रहमत ने उम्मीद बँधाई है क्या बात तेरी, मुजरिम ! क्या बात बनाई है सब ने सफ़-ए-महशर में…