Mearaj-e-Mustafa Hai, Mearaj-e-Mustafa Hai Naat Lyrics
मेअराज-ए-नबी सुब्हानल्लाह, मेअराज-ए-नबी सुब्हानल्लाह
मरहबा मेअराज वाले आक़ा, मरहबा मेअराज वाले आक़ा
बहार है शादियां मुबारक चमन को आबादियां मुबारक
मलक फ़लक अपनी अपनी लै में येह घर अ़नादिल का बोलते थे
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज पर नबी को रब ने बुला लिया है
और ला मकां में अपना जल्वा दिखा दिया है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
परवाज़ जिन की आ’ला सिदरा पे रुक गए हैं
जिब्रील कैसे जाएं आक़ा का रास्ता है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज का सफर है परचम लिये है क़ुद्सी
होने लगी सलामी दूल्हा तो मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
नमाज़े अक़्सा में था येही सिर्र इ़यां हों मा’निये अव्वल आख़िर
हैं दस्त बस्ता वो पीछे ह़ाज़िर जो सल्त़नत आगे कर गए थे
ख़ुदा ही दे सब्र जाने पुरग़म दिखाऊं क्यूंकर तुझे वोह अ़ालम
जब उन को झुरमट में ले के क़ुदसी जिनां का दूल्हा बना रहे थे
अक़्सा में वो इमामत नबियों की कर रहा है
वो आखरी नबी है ख़ुत्बा सुना रहा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
है अर्श पे धूम आमद की, सुल्तान-ए-रिसालत आते हैं
हूरों के होटों पे नग़में हैं, मेअराज के दूल्हा आते हैं
तुम पूछते हो सरवर कैसे गया है ऊपर
हम सोचते हैं वापस कैसे वो आ गया है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
अपना तो है अक़ीदा जिस्मानी ये सफर है
मुश्किल है क्या समझना ये अम्र-ए-किब्रिया है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
नबिय्ये रह़मत शफ़ी-ए़-उम्मत ! रज़ा पे लिल्लाह हो इ़नायत
इसे भी उन ख़िल्अ़तों से ह़िस्सा जो ख़ास रह़मत के वां बटे थे
क़दमों की बरकतों से चमके दिल-ए-उजागर
मेअराज के वसीले से दीद मांगता है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है, मेअराज-ए-मुस्तफ़ा है
मरहबा मेअराज वाले आक़ा, मरहबा मेअराज वाले आक़ा