Me’araj-e-Rasoolullah Naat Lyrics

 

 

मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह
मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह

सज गई है मेअराज की महफ़िल क्या है खूब नज़ारा
अर्श-ए-मुअल्ला बना मोहल्ला, दीद को रब ने बुलाया
हश्र तलक न होगा किसी का ऐसा आना जाना
कोई हद है उन के उरूज की, कोई हद है उन के उरूज की

बलग़ल-उ़ला बिकमालिहि, कशफ़द-दुजा बिजमालिहि
ह़सुनत जमीउ़ खिसालिहि, स़ल्लू अ़लयहि व आलिहि

अक़्सा में ख़िताबत की मेअराज में आक़ा ने
नबियों की इमामत की मेअराज में आक़ा ने

मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह
मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह

जो पांच नमाज़ें हैं मेअराज का तोहफा है
आसानी-ए-उम्मत की मेअराज में आक़ा ने

नबियों की इमामत की मेअराज में आक़ा ने

तु हक़ीक़त है, मैं सिर्फ एहसास हूँ
तु समुन्दर, मैं भटकी हुई प्यास हूँ
मेरा घर ख़ाक पर और तेरी रहगुज़र
सिदरतुल मुन्तहा

एजाज़ नहीं कोई इस मो’जिज़े से बढ़ कर
अल्लाह की ज़ियारत की मेअराज में आक़ा ने

नबियों की इमामत की मेअराज में आक़ा ने

मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह
मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह

कोई हद है उन के उरूज की, कोई हद है उन के उरूज की

वो ख़ुदा के नूर को देख कर भी जहान वालों में आ गए
सर-ए-अर्श जाना कमाल था की वहां से आना कमाल है

वो क़ुर्ब-ए-ख़ुदा में भी भूले नहीं उम्मत को
की बात शफ़ाअत की मेअराज में आक़ा ने

नबियों की इमामत की मेअराज में आक़ा ने

बलग़ल-उ़ला बिकमालिहि, कशफ़द-दुजा बिजमालिहि
ह़सुनत जमीउ़ खिसालिहि, स़ल्लू अ़लयहि व आलिहि

कोई हद है उन के उरूज की, कोई हद है उन के उरूज की

मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह
मेअराज-ए-रसूलुल्लाह, मेअराज-ए-रसूलुल्लाह

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