Maula Ki Rehmaton Ka Khazeena Nazar Mein Hai Naat Lyrics

Maula Ki Rehmaton Ka Khazeena Nazar Mein Hai Naat Lyrics

 

मौला की रेहमतों का ख़ज़ीना नज़र में है
स़ल्ले अ़ला के शहरे-मदीना नज़र में है

तूफ़ां नज़र में है न सफ़ीना नज़र में है
तेरा करम ही शाहे-मदीना नज़र में है

या रब ! नवाज़, दौलते-सोज़ो-गुदाज़ से
बू-ज़र का दिल, बिलाल का सीना नज़र में है

देखे कोई हुज़ूर की बंदा-नवाज़ियाँ
मुझ सा ज़लील, मुझ सा कमीना नज़र में है

बिन्ते-रसूल ! तेरी ग़िज़ा याद है मुझे
नाने-शईरो-नाने-शबीना नज़र में है

अब मेरी चश्मे-शौक़ पहुँचती है अर्श तक
मेअ़राज जाने वाले का ज़ीना नज़र में है

मज़हर तसव्वुरात की दुनिया है इत्र बेज़
महबूबे-किब्रिया का पसीना नज़र में है

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