Kya Karun Ki Yaad Aati Hain Sunahri Jaaliyaan Naat Lyrics
क्या करूँ कि याद आती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ
फूटने लगती हैं फिर उम्मीद की किरनें नई
ख़्वाब आँखों में जगाती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ
ज़िंदगी भर की थकन को दूर कर देती है वो
प्यार से जब मुस्कुराती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ
अपनी पलकों से उन्हें मैं चूमता हूँ देर तक
दिल मे जब भी जगमगाती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ
पूछने वाले ! मैं लफ़्ज़ों में बयाँ कैसे करूँ !
क्या बताऊँ ! क्या दिखाती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ
जो यहाँ पहुँचा वो आक़ा की शफ़ाअ’त पा गया
राह जन्नत के दिखाती हैं सुनहरी जालियाँ
दिल में इक हलचल मचाती हैं सुनहरी जालियाँ