Karam Jo Aapka Ae Saiyade Abrar Ho Jae Naat Lyrics
करम जो आपका ऐ सैयदे-अबरार हो जाए
तो हर बदकार बन्दा दम में नेकोकार हो जाए
जो सर रखदे तुम्हारे क़दमों पे सरदार हो जाए
जो तुमसे सर कोई फेरे ज़लीलो-ख़्वार हो जाए
इनायत से मेरे सर पर अगर वो कफ्शे-पा रखदें
ये बन्दा ताजदारों का भी तो सरदार हो जाए
तलातुम कैसा ही कुछ है मगर ऐ नाख़ुदा-ए-मन
इशारा आप फरमा दें तो बेड़ा पार हो जाए
जो डूबा चाहता है वो तो डूबा हुवा बेड़ा
इशारा आपका पाए तो मौला पार हो जाए
तुम्हारे फैज़ से लाठी मिसाले-शम्अ रोशन हो
जो तुम लकड़ी को चाहो तेज़ तलवार हो जाए
गुनाह कितने ही और कैसे ही हैं पर रहमते आलम
शफ़ाअत आप फरमाएं तो बेड़ा पार हो जाए
इशारा पाए तो डूबा हुवा सूरज बरआमद हो
उठे ऊँगली तो मह दो बल्के दो दो चार हो जाए
तुम्हारे हुक्म का बांधा हुवा सूरज फिरे उल्टा
जो तुम चाहो के शब दिन हो अभी सरकार हो जाए
क़वाफ़ी और मज़ामीन अच्छे अच्छे हैं अभी बाक़ी
मगर बस भी करो नूरी न पड़ना बार हो जाए
शायर:
मौलाना मुस्तफ़ा रज़ा खान (नूरी)
नातख्वां:
ओवैस रज़ा क़ादरी,
असद अत्तारी अल मदनी