Jitna Diya Sarkaar Ne Mujh Ko Utni Meri Auqaat Nahin Naat Lyrics

 

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

तू भी वहीं पर जा कि जहाँ पर सब की बिगड़ी बनती है
एक तेरी तक़दीर बनाना उन के लिए कुछ बात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

तू भी वहीं पे जा जिस दर पर सब की बिगड़ी बनती है
एक तेरी तक़दीर बनाना इन के लिए कुछ बात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

जो हैं मेरी जान-ओ-इमाँ, क्या मैं उन की नज़र करूँ
पास मेरे अश्क़ों के अ’लावा और कोई सौग़ात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

इश्क़-ए-शह-ए-बत़हा से पहले मुफ़्लिस-ओ-ख़स्ता-हाल था मैं
नाम-ए-मुहम्मद के मैं क़ुर्बां, अब वो मेरे हालात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

ज़िक्र-ए-नबी में जो दिन गुज़रे, वो दिन सब से बेहतर है
याद-ए-नबी में रात जो गुज़रे, उस से बेहतर रात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

ग़ौर तो कर, सरकार की तुझ पर कितनी ख़ास इ’नायत है
कौसर ! तू है उन का सना-ख़्वाँ, ये मा’मूली बात नहीं

जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं
ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं

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