Jahan Aaqa Ki Mid’hat Ho Gai Hai Naat Lyrics

Jahan Aaqa Ki Mid’hat Ho Gai Hai Naat Lyrics

 

 

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

मेरे आक़ा ने जो फ़रमा दिया है
वो उम्मत की शरीअत हो गई है

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

ये तेरे दूध की अज़मत है ज़हरा
जो नेज़े पर तिलावत हो गई है

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

अली के शाहज़ादे करबला में
फ़िदा तुझ पर शहादत हो गई है

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

नबी की नात की बरकत है ये सब
मेरी दुनिया में शोहरत हो गई है

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

इमाम अहमद रज़ा की बदौलत
अक़ीदे की तहारत हो गई है

जहां आक़ा की मिदहत हो गई है
जगह वो मिस्ले जन्नत हो गई है

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