Huzoor Aisa Koi Intizaam Ho Jae Naat Lyrics
Huzoor Aisa Koi Intizaam Ho Jae Naat Lyrics
हुज़ूर ऐसा कोई इंतिज़ाम हो जाए
सलाम के लिये हाज़िर ग़ुलाम हो जाए
मैं सिर्फ़ देख लूँ एक बार सुब्ह तयबा को
कज़ा से फिर मेरी दुनिया में शाम हो जाए
तजल्लियात से भर लूँ मैं कासा-ए-दिल-ओ-जां
कभी जो उन की गली में क़याम हो जाए
हुज़ूर आप जो सुन लें तो बात बन जाए
हुज़ूर आप जो कह दें तो काम हो जाए
हुज़ूर आप जो चाहें तो कुछ नहीं मुश्किल
सिमट के फासला ये चंद गाम हो जाए
नसीब वालो में मेरा भी नाम हो जाए
जो ज़िंदगी की मदीने में शाम हो जाए
मज़ा तो जब है फ़रिश्ते ये क़ब्र में कह दें
सबीह ! मिदहत-ए-ख़ैरुल-अनाम हो जाए