Mustafa Nazr e Karam Farmaenge Naat Lyrics

 

 

ना ये बात शान से है, ना ये बात माल-ओ-ज़र की
वही जाता है मदीने आक़ा जिसे बुलाएं

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

साक़ी-ए-कौसर करम फरमाएंगे
हम पियेंगे, वो पिलाते जाएंगे

एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

शब्बरो-शब्बीर जान-ए-फ़ातिमा
अपने नाना से हमें मिलवाएंगे

एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

सब्ज़-गुम्बद पर नज़र जब जाएगी
काम सब बिगड़े हुवे बन जाएंगे

एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

सोऊंगा मैं आज फिर इस आस पर
ख़्वाब में जल्वा दिखाने आएँगे

एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

जाग उठेगी मेरी क़िस्मत अली
जब क़दम उन के मेरे घर आएंगे

एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

मुस्तफ़ा नज़रे-करम फरमाएंगे
एक दिन हम भी मदीने जाएंगे

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