Taqdeer Chamakne Ke Aasaar Nazar Aae Naat Lyrics
तक़दीर चमकने के आसार नज़र आए
जब मतल-ए-हस्ती पे सरकार नज़र आए
जैसे ही खुला उन की रहमत का शिफ़ा-ख़ाना
दुनिया के मसीहा भी बीमार नज़र आए
वलैल का जल्वा है गेसू-ए-रिसालत में
वल-फ़ज्र की सूरत में रुख़्सार नज़र आए
वन्नूर सरापा है, मा-ज़ाग़ निगाहें हैं
क़ुरआन के पारों में सरकार नज़र आए
आख़िर में वही आए, अव्वल में जो चमके थे
सद-नाज़ कि नबियों के सरदार नज़र आए
बाज़ार-ए-हवस में जो कल पी के बहकते थे
मय-ख़ाना-ए-वहदत के मय-ख़्वार नज़र आए