Talab Ka Munh To Kis Qabil Hai Ya Ghaus Naat Lyrics

 

त़लब का मुँह तो किस क़ाबिल है या ग़ौस
मगर तेरा करम कामिल है या ग़ौस

दुहाई या मुह़िय्युद्दीं दुहाई
बला इस्लाम पर नाज़िल है या ग़ौस

वोह संगीं बिद्‌अ़तें वोह तेज़िये कुफ़्र
कि सर पर तैग़ दिल पर सिल है या ग़ौस

अ़ज़ूमन क़ातिलन इ़न्दल-क़ितालि
मदद को आ दमे बिस्मिल है या ग़ौस

ख़ुदारा नाख़ुदा आ दे सहारा
हवा बिगड़ी भंवर ह़ाइल है या ग़ौस

जिला दे दीं, जला दे कुफ़्रो-इल्ह़ाद
कि तू मुह़्‌यी है तू क़ातिल है या ग़ौस

तेरा वक़्त और पड़े यूं दीन पर वक़्त
न तू अ़ाजिज़ न तू ग़ाफ़िल है या ग़ौस

रही हां शामते आ’माल येह भी
जो तू चाहे अभी ज़ाइल है या ग़ौस

ग़यूरा ! अपनी ग़ैरत का तसद्दुक़
वोही कर जो तेरे क़ाबिल है या ग़ौस

ख़ुदारा मर्‌हमे ख़ाके क़दम दे
जिगर ज़ख़्मी है दिल घाइल है या ग़ौस

न देखूं शक्ले मुश्किल तेरे आगे
कोई मुश्किल सी येह मुश्किल है या ग़ौस

वोह घेरा रिश्त-ए-शिर्के-ख़फ़ी ने
फंसा ज़ुन्नार में येह दिल है या ग़ौस

किये तरसा व गब्र अक़्त़ाबो अब्दाल
येह मह़्‌ज़ इस्लाम का साइल है या ग़ौस

तू क़ुव्वत दे मैं तन्हा काम बिस्यार
बदन कमज़ोर दिल काहिल है या ग़ौस

अ़दू बद दीन मज़हब वाले ह़ासिद
तू ही तन्हा का ज़ोरे दिल है या ग़ौस

ह़सद से इन के सीने पाक कर दे
कि बदतर दिक़ से भी येह सिल है या ग़ौस

ग़िज़ाए दिक़ येही ख़ूं उस्तुख़ां गोश्त
येह आतिश दीन की आकिल है या ग़ौस

दिया मुझ को उन्हें मह़रूम छोड़ा
मेरा क्या जुर्म ह़क़ फ़ासिल है या ग़ौस

ख़ुदा से लें लड़ाई वोह है मुअ़्‌त़ी
नबी क़ासिम है तू मूसिल है या ग़ौस

अ़त़ाएं मुक़्तदिर ग़फ़्फ़ार की हैं
अ़बस बन्दों के दिल में ग़िल है या ग़ौस

तेरे बाबा का फिर तेरा करम है
येह मुंह वरना किसी क़ाबिल है या ग़ौस

भरन वाले तेरा झाला तो झाला
तेरा छींटा मेरा ग़ासिल है या ग़ौस

सना मक़्सूद है अ़र्ज़े ग़रज़ क्या
ग़रज़ का आप तू काफ़िल है या ग़ौस

रज़ा का ख़ातिमा बिलख़ैर होगा
तेरी रह़मत अगर शामिल है या ग़ौस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *