Shaala Wasda Rawe Tera Sohna Haram Naat Lyrics
हम ग़ुलामों का रखना ख़ुदारा ! भरम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
या शफ़ी-ए-उमम ! लिल्लाह ! कर दो करम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
हम ग़ुलामों का रखना ख़ुदारा ! भरम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
तेरी चौखट के मँगते हैं, जाएँ कहाँ ?
अपनी रहमत से भर दीजिए झोलियाँ
हम हैं उम्मीदवार-ए-करम, हो करम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
मुंतशिर हैं ख़यालात की वादियाँ
लुट गया है सुकूँ, वाली-ए-दो-जहाँ !
दूर हो जाएँ ग़म, या शह-ए-मोहतरम !
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
या नबी अपनी उल्फ़त की सौग़ात दे
अपनी शायान-ए-शान हम को ख़ैरात दे
इस से मतलब नहीं कि सिवा हो या कम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
तेरी यादों से मा’मूर सीना रहे
सामने मेरे तेरा मदीना रहे
दर पे बैठा रहूँ ले के मैं चश्म-ए-नम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
किस को जा कर कहें ? ताजदार-ए-हरम !
घेरा डाले हुए हैं ज़माने के ग़म
रहम फ़रमा दे अब, तेरी उम्मत हैं हम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
मेरे हाथों में कासा है उम्मीद का
हूँ भिकारी, शहा ! मैं तेरी दीद का
मैं गदा-ए-हरम, तू नबी मोहतरम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम
हाज़री हो नियाज़ी की दरबार में
ज़िंदगी हो बसर तेरे अज़कार में
आते जाते रहें तेरी चौखट पे हम
शाला वसदा रवे तेरा सोहणा हरम