Jis Shakhs Ka Sarkaar Pe Imaan Nahin Hai Naat Lyrics

 

जिस शख़्स का सरकार पे ईमान नहीं है
काबे में रहे फिर भी मुसलमान नहीं है

साँसें भी वहाँ लेना बड़े होशो-अदब से
वो शहरे नबी है कोई जापान नहीं है

जो देख के पहचाने ना सरकार का गुम्बद
उस शख़्स की अपनी कोई पहचान नहीं है

सरकार के आशिक़ ही सुना करते हैं नातें
हर शख़्स सुने नात, ये आसान नहीं है

उसको थी पता क्या है शहादत की बुलंदी
छे माह का असग़र कोई नादान नहीं है

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