Sab Ka Daata Hai Tu Sab Ko Deta Hai Tu Tere Bandon Ka Tere Siwa Kaun Hai Naat Lyrics
मौला ! मेरी सुन ले दुआ
तू ही है हाजत-रवा
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
किस से मांगें, कहाँ जाएं, किस से कहें
और दुनिया में हाजत-रवा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
कौन मक़बूल है, कौन मरदूद है
बे-ख़बर ! क्या ख़बर तुझ को ! क्या कौन है !
जब तुलेंगें अमल तेरे मीज़ान पर
तब खुलेगा के खोटा-खरा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
कौन सुनता है फ़रियाद मज़लूम की
दस्त-ए-क़ुदरत में कुंजी है मक़्सूम की
रिज़्क़ पर किस के पलते हैं शाह-ओ-गदा
मसनद-आरा-ए-बज़्म-ए-अता कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
अवलिया तेरे मोहताज ऐ रब्ब-ए-कुल !
तेरे बंदे हैं सब अम्बिया और रुसूल
इन की इज़्ज़त का बाइस है निस्बत तेरी
इन की पहचान तेरे सिवा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
मेरा मालिक मेरी सुन रहा है फ़ुग़ाँ
जानता है वो ख़ामोशियों की जुबाँ
अब मेरी राह में कोई हाइल न हो
नामा-बर क्या बला है, सबा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
इब्तिदा भी वही, इंतिहा भी वही
नाख़ुदा भी वही है ख़ुदा भी वही
जो है सारे जहानों में जल्वा-नुमा
उस अह़द के सिवा दूसरा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
वो हक़ाइक़ हो अश्या के या ख़ुश्क़-ओ-तर
फ़ेहम-ओ-इदराक की ज़द में हैं सब मगर
मा-सिवा एक उस ज़ात-ए-बे-रंग के
फ़ेहम-ओ-इदराक से मा-वरा कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
अहल-ए-फिक्र-ओ-नज़र जानते हैं तुझे
कुछ न होने पे भी मानते हैं तुझे
ऐ नसीर ! तू इस को फ़ज़्ल-ए-बारी समझ
वरना तेरी तरफ देखता कौन है
सब का दाता है तू, सब को देता है तू
तेरे बंदों का तेरे सिवा कौन है
किस से मांगें, कहाँ जाएं, किस से कहें
और दुनिया में हाजत-रवा कौन है