Mustafa Ki Sab Se Unchi Shaan Hai Mera Nabi Mera Imaan Hai Naat Lyrics
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मेरे सिद्दीक़-ओ-उमर, उस्मां-अली
चारों ही हक़ पर हैं यारान-ए-नबी
चार यारों का यही ना’रा रहा
मेरा तो सब कुछ है बस मेरा नबी
हर सहाबी का यही एलान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की आँख का तारा अली
जान-ओ-दिल से है हमें प्यारा अली
अहल-ए-हक़ की महफ़िलों में आज भी
गूँजता है हर तरफ़ ना’रा ‘अली’
मुर्तज़ा तो मुस्तफ़ा की जान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
आँख से अश्क़-ए-वफ़ा बहते रहे
ज़ालिमों के ज़ुल्म भी सहते रहे
मुस्तफ़ा के इश्क़ में हज़रत बिलाल
या नबी ! या मुस्तफ़ा ! कहते रहे
ये बिलाली इश्क़ का फ़रमान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
इश्क़ यूँ अपना लिया सिद्दीक़ ने
मुस्तफ़ा को पा लिया सिद्दीक़ ने
आँच न आए नबी पर इस लिए
साँप से डसवा लिया सिद्दीक़ ने
आशिक़-ए-सादिक़ की ये पहचान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
ख़्वाब-ए-आसार-ए-तरक़्क़ी तोड़िए
चाँद पर जाने की बातें छोड़िए
चाँद जिन के इक इशारे पर चले
उस नबी से अपना रिश्ता जोड़िए
चाँद भी इस चाँद पर क़ुर्बान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
पीर-ए-कामिल मुर्शिदी अत्तार ने
दावत-ए-इस्लामी का तोहफ़ा दिया
मदनी चैनल देखते ही देखते
घर का घर सारा नमाज़ी बन गया
आक़ा की सुन्नत का ये फ़ैज़ान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
माँ ने बचपन में हमें सिखला दिया
आक़ा की सुन्नत कभी न छोड़ना
कोई ग़म हो, कैसे भी हालात हों
बारह्वीं और ग्यारह्वीं न छोड़ना
इन के सदक़े ज़िंदगी आसान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
हो सदाक़त का हुनर गुफ़्तार में
रौशनी पैदा करो किरदार में
हो चमक ईमान में, कातिब ! वही
जो चमक थी हैदरी तलवार में
मुस्तफ़ाई की यही पहचान है
मेरा नबी मेरा ईमान है
मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है