Munawwar Meri Aankhon Ko Mere Shamsudduha Kar Den Naat Lyrics

Munawwar Meri Aankhon Ko Mere Shamsudduha Kar Den Naat Lyrics

 

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें
ग़मों की धूप में वो साया-ए-ज़ुल्फ़-ए-दोता कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

जहाँ-बानी अता कर दें, भरी जन्नत हिबा कर दें
नबी मुख़्तार-ए-कुल हैं, जिस को जो चाहें अता कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

फ़ज़ा में उड़ने वाले यूँ न इतराएँ, निदा कर दें
वो जब चाहें, जिसे चाहें, उसे फ़रमाँ-रवा कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

जहाँ में उन की चलती है, वो दम में क्या से क्या कर दें
ज़मीं को आसमाँ कर दें, सुरय्या को सरा कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

नबी से जो हो बेगाना, उसे दिल से जुदा कर दें
पिदर, मादर, बिरादर, जान-ओ-माल उन पर फ़िदा कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

मुझे क्या फ़िक्र हो, अख़्तर ! मेरे यावर हैं वो यावर
बलाओं को मेरी जो ख़ुद गिरफ़्तार-ए-बला कर दें

मुनव्वर मेरी आँखों को, मेरे शम्सुद्दुहा ! कर दें

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