Muhammad Mustafa Aae Baharon Par Bahar Aai Naat Lyrics

Muhammad Mustafa Aae Baharon Par Bahar Aai Naat Lyrics

 

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए, बहारों पर बहार आई
ज़मीं को चूमने जन्नत की ख़ुश्बू बार बार आई

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए…

जनाबे आमेना का चाँद जब चमका ज़माने में
क़मर की चाँदनी क़दमों पे होने को निसार आई

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए, बहारों पर बहार आई
मुहम्मद मुस्तफ़ा आए…

बड़ी मायूस थी दाई हलीमा जब गई मक्के
मगर आई तो ले कर दो जहां का ताजदार आई

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए, बहारों पर बहार आई
मुहम्मद मुस्तफ़ा आए…

हलीमा दो-जहां क़ुरबान हों तेरे मुक़द्दर पर
तेरे कच्चे से घर में रहमते-परवरदिगार आई

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए, बहारों पर बहार आई
मुहम्मद मुस्तफ़ा आए…

वो आए तो मनादी हो गई साइम ज़माने में
बहार आई, बहार आई, बहारों पर बहार आई

मुहम्मद मुस्तफ़ा आए, बहारों पर बहार आई
ज़मीं को चूमने जन्नत की ख़ुश्बू बार बार आई

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