Har Dil Mein Jo Rehte Hain Wo Mere Muhammad Hain Naat Lyrics
हर दिल में जो रहते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं
हर दिल में जो रहते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं
ये शान है बचपन की ऊँगली के इशारे से
जो चाँद हिलाते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं
सीरत है बड़ी प्यारी, अख़्लाक़ भी आ’ला हैं
दुश्मन भी जो माने है, वो मेरे मुहम्मद हैं
क़ुर्बान समाअत पर ! जो जानवरों की भी
बोली को समझते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं
कुफ़्फ़ार भी हैरां हैं के पेड़ खजूरों का
बिन बीज उगाते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं
परवाने ! किताबों में ग़ैरों ने भी लिखा है
दुनिया में जो सच्चे हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं