Haq Allah Haq Allah Naat Lyrics

Haq Allah Haq Allah Naat Lyrics

 

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

ए मुजाहिदे नबी, नात गुनगुनाये जा
नग़मा-ए मुहम्मदी, तू झूम कर सुनाये जा
दो जहाँ पर छाऐ जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

परचम-ऐ नबी उठा ले, तू ख़ुदा का आसरा
दरसे मुर्शिदी है ये, हक पे ज़िन्दगी लुटा
हक पे जाँ लुटाये जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

बात कर तू बाद में, पहले तू सलाम कर
जो तेरे बुजुर्ग हैं, उन का ऐहतराम कर
उन से फैज़ पाए जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

शुक्र कर ख़ुदा का तू, तुझ को यह वतन मिला
पाक सरज़मीं मिली, और यह चमन मिला
सर को तू झुकाए जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

झूठ बोलना नहीं, तुम कभी ज़ुबान से
लानते खुदा है ये, देख लो कुरआन से
सच के गीत गाऐ जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

अपने मुर्शिदी का दिल, इस तरह से शाद कर
जो सबक मिले तुझे तू दिल लगा के याद कर
उन से फैज़ पाए जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

आए जो रमज़ान जो, रोज़ो का अहतराम कर
खा तू रब की नैमतें, ज़िक्र उस का आम कर
ज़िक्र तू सुनाये जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

आरजू की है दुआ, और रहे सुखी सदा
मेहरबान आका हों, और करम करे खुदा
मदनी रंग में रंगता जा, ज़र्बे हक लगाये जा

हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह, हक अल्लाह

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