Chalo Dayaar-e-Nabi Ki Jaanib Naat Lyrics
Chalo Dayaar-e-Nabi Ki Jaanib, Durood Lab Par Saja Saja Kar (Salla Alaika Ya Rasoolallah ! Wa Sallam Alaika Ya Habiballah !)
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
बहारें लूटेंगे हम करम की, दिलों को दामन बना बना कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
न उन के जैसा सख़ी है कोई, न उन के जैसा ग़नी है कोई
वो बे-नवाओं को हर जगह से नवाज़ते हैं बुला बुला कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
है उन को उम्मत से प्यार कितना ! करम है रहमत-शिआ’र कितना !
हमारे जुर्मों को धो रहे हैं, हुज़ूर आँसू बहा बहा कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
मैं वो निकम्मा हूँ जिस की झोली में कोई हुस्न-ए-अ’मल नहीं है
मगर वो एहसान कर रहे हैं ख़ताएँ मेरी छुपा छुपा कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
यही असास-ए-अ’मल है मेरी, इसी से बिगड़ी बनी है मेरी
समेटता हूँ करम ख़ुदा का, नबी की ना’तें सुना सुना कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
अगर मुक़द्दर ने यावरी की, अगर मदीने गया मैं, ख़ालिद !
क़दम क़दम ख़ाक उस गली की मैं चूम लूँगा उठा उठा कर
चलो दयार-ए-नबी की जानिब, दुरूद लब पर सजा सजा कर
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !
स़ल्ला अ़लैक या रसूलल्लाह ! व सल्लम अ़लैक या ह़बीबल्लाह !