Batool e Paak Ke Sadqe Karam Mein Rehta Hun

 

बेदम यही तो पांच हैं मक़्सूदे-काएनात
ख़ैरुन्निसा, हुसैनो-हसन, मुस्तफ़ा, अ़ली

स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन
स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

ज़माना सुनले के बारा इमाम मेरे हैं
बड़े ही फ़ख्र से मैं सब का नाम लेता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

हसन, हुसैन, मुह़म्मद, बतूले-पाक, अ़ली
निजात पाने को पांचों का नाम लेता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन
स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन

मुझे हुसैन की माँ से करम की भीक मिले
भिकारी हूं मैं मगर भीक ऊँची लेता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

क़सम ख़ुदा की ! ये सच है, दो राय इस में नहीं
दुरूद पड़के मदीने का वीज़ा पाता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

दुरूद पड़ता हूं कसरत से, यूं भी लगता है
यहां नहीं है मेरा घर, मदीने रेहता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन
स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन

नबी के क़दमों में जब भी लुटाया मालो-ज़र
ये सौदा करके सदा फायदे में रेहता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

ये दुनिया कब की उजागर को कलअदम करती
हुज़ूर आपकी नज़रे-करम से चलता हूं

बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

नबी-ओ-आले-नबी पर दुरूद पड़ता हूं
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं

स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन
स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिन, व अ़ला आलि-मुह़म्मदिन

व स़ह़बिहि व बारिक व सल्लिम।

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