Gham Sabhi Raahat-o-Taskeen Mein Dhal Jaate Hain Naat Lyrics
Gham Sabhi Raahat-o-Taskeen Mein Dhal Jaate Hain Naat Lyrics ग़म सभी राहत-ओ-तस्कीन में ढल जाते हैं जब करम होता है, हालात बदल जाते हैं उन की रहमत है ख़ता-पोश गुनहगारों की खोटे सिक्के सर-ए-बाज़ार भी चल जाते हैं इस्म-ए-अहमद का वज़ीफ़ा है हर इक ग़म का ‘इलाज लाख ख़तरे हों, इसी नाम से…