Bhar Do Jholi Meri Tajdar e Madina Naat Lyrics
Bhar Do Jholi Meri Tajdar e Madina Naat Lyrics
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
कुछ नवासों का सदक़ा अता हो
दर पे आया हूं बनकर सवाली
तुम ज़माने के मुख़्तार हो या नबी
बेकसों के मददगार हो या नबी
सब की सुनते हो अपने हो या ग़ैर हो
तुम गरीबो के ग़मख़्वार हो या नबी
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
तुम्हारे आस्ताने से ज़माना क्या नहीं पाता
कोई भी दर से ख़ाली मांगने वाला नहीं जाता
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
हक़ से पाई वो शाने-करीमीं
मरहबा दोनों आलम के वाली
उसकी क़िस्मत का चमका सितारा
जिस पे नज़रे-करम तुमने डाली
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
ज़िन्दगी बक्श दी बन्दगी को
आबरू दीने-हक़ की बचाली
मेरे आक़ा का प्यारा नवासा
जिस ने सजदे में गर्दन कटाली
जो इब्ने-मुर्तज़ा ने किया काम ख़ूब है
क़ुर्बानी-ए-हुसैन का अंजाम खूब है
क़ुर्बान हो के फ़ातिमा ज़हरा के चैन ने
दीने-ख़ुदा की शान बढ़ाई हुसैन ने
बक्शी है जिसने मज़हबे-इस्लाम को हयात
कितनी अज़ीम हज़रते-शब्बीर की है ज़ात
मैदाने-कर्बला में शहे-ख़ुशखीसाल ने
सजदे में सर कटा के मुहम्मद के लाल ने
ज़िन्दगी बक्श दी बन्दगी को
आबरू दीने-हक़ की बचाली
मेरे आक़ा का प्यारा नवासा
जिस ने सजदे में गर्दन कटाली
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
हश्र में उनको देखेंगे जिस दम
उम्मती ये कहेंगे ख़ुशी से
आ रहे हैं वो देखो मुहम्मद
जिनकी है शान सब से निराली
हर नज़र कांप उठेगी मेहशर के दिन
खौफ से हर कलेजा दहल जाएगा
मुस्कुराते हुवे आप आ जाएंगे
हश्र का सारा नक्शा बदल जाएगा
आ रहे हैं वो देखो मुहम्मद
जिनकी है शान सब से निराली
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
काश पुरनम दयारे-नबी में
जीते जी हो बुलावा किसी दिन
हाले-दिल मुस्तफ़ा को सुनाऊं
थाम कर उनके रोज़े की जाली
भर दो झोली मेरी ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा ख़ाली
कुछ नवासों का सदक़ा अता हो
दर पे आया हूं बनकर सवाली