Zamane Bhar Me Dhoondha Hai Muhammad Sa Nahin Koi Naat Lyrics

Zamane Bhar Me Dhoondha Hai Muhammad Sa Nahin Koi Naat Lyrics

 

 

मुहम्मद सा नहीं कोई और ना होगा भी कोई
क्यूंकि अल्लाह ने बनाया ही नहीं कोई

मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई
मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई

ज़माने भर में ढूँढा है मुहम्मद सा नहीं कोई
यहीं जिब्रील केहता है मुहम्मद सा नहीं कोई

मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई
मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई

ज़माने भर में ढूँढा है मुहम्मद सा नहीं कोई

सरापा आपका लिखने को क़ुरआं सामने रखा
कलम ने इतना लिखा है मुहम्मद सा नहीं कोई

मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई
मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई

चला है मार खाकर भी हज़ारो ज़ख़्म सेहकर भी
बिलाले-हब्शी केहता है मुहम्मद सा नहीं कोई

ओवैसे-करनी सा आशिक़ जहाँ में जब नहीं मिलता
कहाँ फिर उनका आक़ा है मुहम्मद सा नहीं कोई

जनाबे सैयदां, हसनैन और मौला अली बोले
नबी जैसा नहीं देखा, मुहम्मद सा नहीं कोई

अबुबक्रो-उमर-उस्मानो-हैदर चारो केहते हैं
कोई कब उनसा आया है, मुहम्मद सा नहीं कोई

मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई
मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई

ज़माने भर में ढूँढा है मुहम्मद सा नहीं कोई

अदब से सर झुकाता है अँगूठे चूम लेता है
उजागर केहता फिरता है मुहम्मद सा नहीं कोई

मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई
मुहम्मद सा नहीं कोई, मुहम्मद सा नहीं कोई

ज़माने भर में ढूँढा है मुहम्मद सा नहीं कोई

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