Un Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete Naat Lyrics
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
ये हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
मेरे हर ‘ऐब की करते हैं वो पर्दा-पोशी
मेरे जुर्मों का तमाशा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
अपने मँगतों की वो फ़ेहरिस्त में रखते हैं सदा
मुझ को मोहताज किसी का नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
है ये ईमान कि आएँगे लहद में मेरी
अपने मँगतों को वो तन्हा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
ना’त पढ़ता हूँ तो आती है महक तयबा की
मेरे लहजे को वो मैला नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
आप की याद से रहती है नमी आँखों में
मेरे दरियाओं को सहरा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
हुक्म करते हैं तो मिलते हैं ये मक़्ते, शाकिर !
आप न चाहें तो मतला’ नहीं होने देते
शायर:
तन्वीरुल्लाह शाकिर
नात-ख़्वाँ:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी
ग़ुलाम मुस्तफ़ा क़ादरी
क़ारी शाहिद महमूद
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
ye hawaale mujhe ruswa nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
mere har ‘aib ki karte hai.n wo parda-poshi
mere jurmo.n ka tamaasha nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
apne mangto.n ki wo fehrist me.n rakhte hai.n sada
mujh ko mohtaaj kisi ka nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
hai ye imaan ki aae.nge lahad me.n meri
apne mangto.n ko wo tanha nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
naa’t pa.Dhta hu.n to aati hai mahak tayba ki
mere lahje ko wo maila nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
aap ki yaad se rahti hai nami aankho.n me.n
mere dariyao.n ko sahra nahi.n hone dete
un ka mangta hu.n, jo mangta nahi.n hone dete
hukm karte hai.n to milte hai.n ye maqte, Shaakir !
aap na chaahe.n to matla’ nahi.n hone dete