Tayba Badi Door Aaqa Naat Lyrics
Tayba Badi Door Aaqa Naat Lyrics
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
मेरे आक़ा मेरे सरवर, मेरा बेड़ा पार हो
तालिब हूं मैं आप का शाहा, मुझ को अता दीदार हो
नज़रे-करम सरकार आक़ा, नज़रे-करम सरकार हो
आपका मंगता, आपका साइल, हाज़िरे-दरबार हो
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
रो रो वक़्त गुज़ारूं कैसे, अब तो बुलावा आ जाए
मुजदा मुझ को हाज़री का काश ! कोई सुना जाए
दिल को सुकून मुयस्सर हो और रूह को चैन भी आ जाए
मैं ही तयबा जा पहुंचूं या दिल में तयबा समा जाए
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
रहमते-आलम तेरा लक़ब है, तेरी ऊँची शान है
सारा आलम तेरा भिकारी, तू सब का सुलतान है
मुझ से ग़म के मारों का तो तुझ पे ही बस ईमान है
पास बुलालो अब तो आक़ा, मुद्दत से अरमान है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
जब भी क़ाफ़िला देखूं कोई तयबा नगर को जाता है
फूट फूट के दिल रोता है, मुझ को बड़ा तड़पाता है
मेरे दिल को पल भर भी फिर चैन ज़रा ना आता है
रुख़ तयबा की जानिब कर के बस ये केहता जाता है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
बड़ी दुआएं मांगी हमने, हम भी तयबा जाएंगे
तयबा जाकर केहना आक़ा, कब वो हम को बुलाएंगे
जब वो हम को बुलाएंगे फिर हम भी मदीने जाएंगे
रो रो हाल सुनाएंगे और मिल कर सब ये गाएंगे
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
मेरे शाहा आप के दर की कुल काएनात सुवाली है
सारे जहाँ का तू है दाता, तू उम्मत का वाली है
तुझ से मांगने वाला आक़ा, जाता न कोई खाली है
तेरे अहमद और हसन की तुझ बिन खस्ता-हाली है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
मीठा मदीना दूर है, जाना भी ज़रूर है
तयबा बड़ी दूर आक़ा, तयबा बड़ी दूर
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन