Wo Jo Chaahen Chaand Ko Tod Den Unhen Ikhtiyaar Diya Gaya Naat Lyrics
Wo Jo Chaahen Chaand Ko Tod Den Unhen Ikhtiyaar Diya Gaya Naat Lyrics वो जो चाहें चाँद को तोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया वो फिर उस के टुकड़ों को जोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया जो ‘अली की ‘अस्र क़ज़ा हुई, तो वो वक़्त पर ही अदा हुई छुपे आफ़ताब को मोड़…