Ghareeb Aae Hain Dar Par Tere Ghareeb-Nawaaz Naat Lyrics
Ghareeb Aae Hain Dar Par Tere Ghareeb-Nawaaz Naat Lyrics ग़रीब आए हैं दर पर तेरे, ग़रीब-नवाज़ ! करो ग़रीब-नवाज़ी, मेरे ग़रीब-नवाज़ ! तुम्हारे दर की करामत ये बारहा देखी ग़रीब आए हैं और हो गए ग़रीब-नवाज़ लगा के आस बड़ी दूर से मैं आया हूँ मुसाफ़िरों पे करम कीजिए, ग़रीब-नवाज़ ! तुम्हारी ज़ात से…