aaein-baharain-barse-jhale-lyrics
aaein-baharain-barse-jhale-lyrics अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना मैंने पलकों पे तमन्नाएं सजा रखी हैं दिल में उम्मीद की सौ शम्मे जला रखी हैं ये हसीं शम्मे बुझाने के लिए मत आना प्यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं चाहने वालों की तक़दीरें…