aaein-baharain-barse-jhale-lyrics
अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना
मैंने पलकों पे तमन्नाएं सजा रखी हैं
दिल में उम्मीद की सौ शम्मे जला रखी हैं
ये हसीं शम्मे बुझाने के लिए मत आना
प्यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं
चाहने वालों की तक़दीरें बदल सकती हैं
तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना
अब तुम आना जो तुम्हें मुझसे मुहब्बत है कोई
मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत है कोई
तुम कोई रस्म निभाने के लिए मत आना