Shuja’at Naaz Karti Hai Naat Lyrics

 

शुजाअ़त नाज़ करती है, जलालत नाज़ करती है
वो सुलताने-ज़मां हैं उन पे शौकत नाज़ करती है

सदाक़त नाज़ करती है अमानत नाज़ करती है
हुमीय्यत नाज़ करती है, मुरव्वत नाज़ करती है

शहे-खूबाँ पे हर खूबीयो-ख़स्लत नाज़ करती है
करीम ऐसें हैं वो उन पर करामत नाज़ करती है

जहाँने-हुस्न में भी कुछ निराली शान है उनकी
नबी के गुल पे गुलज़ारों की ज़ीनत नाज़ करती है

शहेनशाहे-शहीदां हो, अनोखी शान वाले हो
हुसैन इब्ने अली तुम पर शहादत नाज़ करती है

बिठा कर शाना-ए-अक़दस पे करदी शान दोबाला
नबी के लाडलों पर हर फ़ज़ीलत नाज़ करती है

ज़बीन-ए-नाज़ उनकी जल्वागाहे-हुस्न है किसकी
रूखे-ज़ेबा पे हज़रत की मलाहत नाज़ करती है

निगाहे-नाज़ से नक़्शा बदल देते हैं आलम का
अदा-ए-सरवरे-खूबां पे नुदरत नाज़ करती है

फ़िदाईं हूँ तो किसका हूँ कोई देखे मेरी क़िस्मत
क़दम पर जिस हसीं की जाने-तलअत नाज़ करती है

ख़ुदा के फ़ज़्ल से अख़्तर मैं उनका नाम लेवा हूँ
मैं हूँ क़िस्मत पे नाज़ां, मुझपे क़िस्मत नाज़ करती है

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