Nazr e Karam De Bajhon Hona Nahin Guzara Naat Lyrics

 

 

नज़रे-करम दे बाझों होणा नहीं गुज़ारा … या सैयदि
ऐ काली कमली वाले दुखियाँ दा तू सहारा

महेशर ते गोर तों क्यों लोकि डरांदे मैनु
ओथे वी बादशाही तेरी ए ताजदारा

नज़रे-करम दे बाझों होणा नहीं गुज़ारा … या सैयदि

सूरज सि डुब के मुड़या, चन वी ते टुट के जुड़्या
उम्मत नू जोड़ देओ, हो गई ए पारा-पारा

नज़रे-करम दे बाझों होणा नहीं गुज़ारा … या सैयदि

होके हुज़ूर दा ते जन्नत में कीवे मंगां
जन्नत ते मुस्तफ़ा दा ख़ुद वेखदी दवारा

नज़रे-करम दे बाझों होणा नहीं गुज़ारा … या सैयदि

होवे सिरात दा पुल, मीज़ान भावे होवे
हर थां ते मुस्तफ़ा दा होवेगा एक नज़ारा

नज़रे-करम दे बाझों होणा नहीं गुज़ारा … या सैयदि

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