Mujhe Dar Pe Fir Bulana Madni Madine Wale Naat Lyrics

 

मुझे दर पे फिर बुलाना मदनी मदीने वाले
मए-इश्क़ भी पिलाना मदनी मदीने वाले

मेरी आँख में समाना मदनी मदीने वाले
बने दिल तेरा ठिकाना मदनी मदीने वाले

तेरी जब के दीद होगी, जभी मेरी ईद होगी
मेरे ख़्वाब में तुम आना मदनी मदीने वाले

मुझे ग़म सता रहे हैं, मेरी जान खा रहे हैं
तुम्हीं हौसला बढ़ाना मदनी मदीने वाले

मेरे सब अज़ीज़ छूटें, मेरे दोस्त भी गो रूठें
शहा ! तुम न रूठ जाना मदनी मदीने वाले

मैं अगर्चे हूँ कमीना, तेरा हूँ शहे-मदीना
मुझे क़दमों से लगाना मदनी मदीने वाले

ये मरीज़ मर रहा है तेरे हाथ में शिफ़ा है
ऐ तबीब ! जल्द आना मदनी मदीने वाले

तू ख़ुदा के बाद बेहतर है सभी से मेरे सरवर
तेरा हाशिमी घराना मदनी मदीने वाले

मैं ग़रीब बे-सहारा, कहाँ और है गुज़ारा
मुझे आप ही निभाना मदनी मदीने वाले

कभी जव की मोटी रोटी तो कभी खजूर पानी
तेरा ऐसा सादा खाना मदनी मदीने वाले

है चटाई का बिछोना, कभी ख़ाक ही पे सोना
कभी हाथ का सिरहाना मदनी मदीने वाले

मेरी आदतें हों बेहतर, बनूं सुन्नतों का पैकर
मुझे मुत्तक़ी बनाना मदनी मदीने वाले

तेरे नाम पर हो क़ुरबां मेरी जान, जाने-जानां
हो नसीब सर कटाना मदनी मदीने वाले

मेरे ग़ौस का वसीला रहे शाद सब क़बीला
इन्हें ख़ुल्द में बसाना मदनी मदीने वाले

मेरी आने वाली नस्लें तेरे इश्क़ ही में मचलें
उन्हें नेक तुम बनाना मदनी मदीने वाले

तेरा ग़म ही चाहे अत्तार, इसी में रहे गिरिफ़्तार
ग़मे-माल से बचाना मदनी मदीने वाले

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