Mile Hain Khaak Se Lekin Badan Maila Nahin Hota Naat Lyrics

 

 

मिले हैं ख़ाक से लेकिन बदन मैला नहीं होता
शहीदान-ए-मोहब्बत का कफ़न मैला नहीं होता

मोहब्बत अहल-ए-बैत-ए-पाक की जिस दिल में पिन्हा हो
सदा शफ़्फ़ाफ़ रहता है, वो मन मैला नहीं होता

सना-ए-मुस्तफ़ा लिखो कि उन की मद्ह करने से
क़लम मैला नहीं होता, सुख़न मैला नहीं होता

नबी के दीन की ख़ातिर जो देता है अक़ीदत से
वो दौलत कम नहीं होती, वो धन मैला नहीं होता

हमारे जुर्म की कालक है हाज़िर बन के फ़रियादी
लिबास-ए-पाक-ए-शाह-ए-ज़ुल-मिनन मैला नहीं होता

ज़बाँ तर जिन की रहती है सना-ए-शाह-ए-बतहा से
उबैद-ए-क़ादरी ! उन का दहन मैला नहीं होता

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