Mil Gaya Mujh Ko Sharf e Huzoori Agar Naat Lyrics

 

मिल गया मुझ को शर्फ़े-हुज़ूरी अगर
मैं कहूं क्या क्या सर पर उठा लाऊंगा
आईना दिल का ले कर के जाऊंगा मैं
और मदीने का मन्ज़र उठा लाऊंगा

करबला में ये बादल ने आ कर कहा
ए हुसैन ! ए शहंशाहे-सब्रो-रज़ा
आप आक़ा हैं इर्शाद फ़रमाइये
बूँद क्या मैं समुन्दर उठा लाऊंगा

अपने जैसा वो कहता है सरकार को
शर्म आती नहीं नजदी ग़द्दार को
पहले चेहरा मिला लेना ऐ नजदिया
सामने तेरे बन्दर उठा लाऊंगा

जाने क्यूं उस नबी पर न क़ुर्बान हो
जिन का रेहमत में डूबा ये फरमान हो
होगी जिस जिस जगह प्यासी उम्मत मेरी
मैं वहीँ हौज़े-क़ौसर उठा लाऊंगा

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