Main Hun Husaini Bachpan Se Naat Lyrics

 

मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ
मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ

सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें
सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

आज यज़ीदी टोला तो इसको जन्नती मानता है
सब डॉलर का चक्कर है, हालां के हक़ जानता है
सारे आइम्मा का फ़तवा यज़ीद काफिरो-फासिक़ है
फ़तवा दिखाऊं किन किन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

नज़रे करम जो हुर्र पे हुई, उनकी क़िस्मत जाग उठी
शाह ने जब कुछ फ़रमाया दिल की काया पलट गई
हुर्र यूँ सब को बताते हैं जन्नत ऐसे पाते हैं
सदा लगाई ये रन्न से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें
सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें

मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ
मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ

मेहफ़िल में सिद्दीको-उमर का जो नारा लगाता है
पंजतन पाक के दीवानो वोही तो अपने वाला है
आशिक़ हूँ मैं सहाबा का, अहले बैत का ख़ादिम हूँ
प्यार मुझे इस बंधन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

काश दुआ ये पूरी हो और मेरी मंज़ूरी हो
पेश-ए-सरवरे-आलम जब क़ब्र में मेरी हुज़ूरी हो
मुझसे फ़रिश्ते तब पूछें, बोल अक़ीदा क्या है तेरा
केह दूंगा में मद्फ़न से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

सुन ए बिलाल, ए ताहिर सुन, तू असली फूलों को चुन
नक़्क़ालों से हो हुश्यार, होगा तेरा बेड़ा पार
जब तू ज़िक्रे हुसैन करे सारी फ़िज़ा बस गूँज उठे
आए सदा तेरे तन-मन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

जब से होश संभाला है, माँ ने हमें समझाया है
समझ मे आया उस दिन से, मैं हूँ हुसैनी बचपन से

मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ
मैं हुसैनी हूँ, मैं हुसैनी हूँ

सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें
सब हुसैनी हुसैन हुसैन कहें

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