Jin Ka Laqab Hai Mustafa Salle Ala Muhammadin Naat Lyrics

Jin Ka Laqab Hai Mustafa Salle Ala Muhammadin Naat Lyrics

 

 

स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

जिन का लक़ब है मुस्तफ़ा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
उन से हमें ख़ुदा मिला, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह
या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह

रूहुल-अमीं तो थक गए और वो अर्श तक गए
अर्शे-बरी पुकार उठा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

जिन का लक़ब है मुस्तफ़ा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
जिन का लक़ब है मुस्तफ़ा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

लाज गुनाहगार की आप के हाथ है नबी
बद है मगर है आप का, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

उन से हमें ख़ुदा मिला, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह
या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह

क़ब्र में जब फिरिश्ते आएं, शक्ले-ख़ुदा-नुमा दिखाएं
पढ़ता उठूं मैं या ख़ुदा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

जिन का लक़ब है मुस्तफ़ा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
जिन का लक़ब है मुस्तफ़ा, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

हश्र में सालिके-हज़ीं, थाम के दामने-नबी
अर्ज़ करे ये बर-मला, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

उन से हमें ख़ुदा मिला, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह
या रसूलल्लाह, या रसूलल्लाह

स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

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