Imaan O Aqeedat Ki Ye Taabeer Nahin Hai Naat Lyrics
ईमान-ओ-अक़ीदत की ये ताबीर नहीं है
सीने में मदीने की जो तस्वीर नहीं है
सुनते हैं धड़क उठता है ईमान का सीना
कैसे में कहूं नात में तासीर नहीं है
चक्रा के वहीँ औंधे जहन्नम में गिरेंगे
जिन पैरों में ईमान की जंज़ीर नहीं है
है मुफ़्ती-ए-आज़म की निग़ाहों की अमानत
अख़्तर रज़ा किसी की भी जागीर नहीं है
क्या किल्क-ए-रज़ा ताज-ए-शरीयत को मिला है
लड़ते हैं मगर हाथ में शमशीर नहीं है